आदिवासी समाज का संभाग स्तरीय बैठक सम्पन्न, लिए गए अहम निर्णय.......छत्तीसगढ़ समाचार TV

संतोष मरकाम ब्यूरो प्रमुख बस्तर संभाग- 21 जून को हुए धरना प्रदर्शन में पांच सुत्रीय मांगो को लेकर संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित किया गया। संभागीय अध्यक्ष एडव्होकेट प्रकाश ठाकुर के अध्यक्षता में बैठक में समस्त जिलाध्यक्षों से समीक्षा लेकर इन विषयों पर चर्चा किया गया ।
1. छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों के बस्तर संभाग एंव सरगुजा संभाग व कोरबा-पेंड्रा मारवाही जिला एंव अनुसूचित विकासखण्डों में संभाग, जिला कैडर के तृतीय एंव चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय मूलवासियों को भर्ती किया जाए। 
2. छत्तीसगढ़ पेसा नियम 2022 में सुधार करते हुए उसे पेसा कानून के मूल भावना के अनुरूप बनया जाए जिसमें यह प्रावधान हो :-
 (क) ग्राम सभा का कार्यालय गांव में ही बनाया जाए। 
 (ख) ग्राम सभा का सचिव ग्राम सभा द्वारा ही गांव के लोगों में से तय किया जाए। 
 (ग) ग्राम सभा का खाता ग्राम सभा द्वारा नामित दो लोगों द्वारा संचालित किया जाए। 
 (घ) ग्राम सभा के निर्णय के खिलाफ अपील सिर्फ ग्राम सभा में ही हो सकेगी न कि एसडीएम के समक्ष।
 (ड) ग्राम सभा को सभी वनोपज,जिसमें तेंदु पत्ता भी शामिल है, का पूर्ण स्वामित्व, खरीदी और बिक्री का अधिकार मिले जिसमें सभी राष्ट्रीय वनोपज भी शामिल हो। 
 (च) छत्तीसगढ़ पेसा नियम 2022 के नियम 35(1) के अनुसार सभी ग्राम सभा को तत्काल गांव से संबधित सभी राजस्व और वन अभिलेख की अद्यतन प्रति उपलब्ध करवाई जाए। 
(झ) छत्तीसगढ़ पेसा नियम 2022 के नियम 55 के अनुसार विश्व आदिवासी दिवस 09 अगस्त 2023 तक राज्य के सभी कानून,नियम,आदेश और परिपत्र में संशोधन किया जाए। 
3. छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 165 (6) दो के बाद दिए गए स्पष्टीकरण को विलोपित करते हुए पांचवी अनुसूची क्षेत्र में आदिवासयों की जमीन को गैर आदिवाससियों द्वारा पट्टा पर लिए जाने की छूट को समाप्त किया जाए। छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एंव आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन रायपुर का पत्र क्रमांक-एफ-7-4 / सात-1 / 2014(पार्ट) नयी रायपुर दिनांक 23 अगस्त 2016 को जारी आदेश को निरस्त कर अनुसूचित क्षेत्रों में 'जो भूमि पट्टा एंव अनुबंध(लीज) पर दिया गया है। उसे मूल भूमि स्वामी को वापस दिलाया जाए।
4. भारत सरकार द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम,1980 में संशोधन के लिए लाया गया वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 वापस लिया जाए, इस बाबत्‌ राज्य सरकार वापसी हेतु मन्तव्य पत्र हेतु प्रेषित किया जाए।  
5. वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 क॑ तहत मान्य किए गए सामुदायिक वन संसाधन क्षेत्र (सीएफ) में से जमीन अधिग्रहण होने पर प्रदाय किए जाने वाले मुआवजे को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए जाए। साथ ही छत्तीसगढ़ पेसा नियम 2022 नियम 38 (4) (3) के तहत वनोपज का नुकसान होने पर उसका मुआवजा 30 साल तक दिए जाने हेतु भी निर्देश प्रसारित किया जाए।
6. समान नागरिक संहिता UCC आदिवासियों के ताना बाना के लिए बहुत ही नुकसानदायक है, इसलिए आदिवासी समाज UCC का पुर जोर विरोध करता है, इस कानून का वर्तमान में जरूरत नहीं है । 
 इन विषयों पर सर्व आदिवासी समाज के व्दारा विस्तृत चर्चा किया गया तथा निर्णय लिया गया कि आने दिनों में सभी मांग पूरी नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन के साथ अंतिम रूप में आर्थिक नाकेबंदी किया जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। बस्तर संभाग सर्व आदिवासी समाज ने  बैठक में प्रस्ताव पास किया है कि 03.07.2023 को स्मरण पत्र जारी कर पांच सुत्रीय मांगो का जिला प्रशासन से जानकारी प्राप्त करेगा, 08.07.2023 को बस्तर संभाग के सभी विधायकों का विधायक निवास घेराव किया जायेगा एवं 10.07.2023 को मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा आज के बैठक में बस्तर संभाग के सातों जिला के समस्त आदिवासी समाज प्रमुखों की उपस्थिति रहा।

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