संतोष मरकाम ब्यूरो चीफ बस्तर संभाग- युवा प्रभाग प्रदेश उपाध्यक्ष ललित नरेटी ने पत्र के माध्यम से मांग किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में शराब दुकानों का संचालन शासन द्वारा किया जा रहा है। यह कि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यवस्था में यह कार्य कलार जाति से संबधित रहा है। इस जाति का शराब बनाने व बेचने का विशिष्ट कला है, किन्तु वर्तमान में संचालित शासकीय दुकान में कलार जाति को प्राथमिकता नहीं दिया जा रहा है। यदि शासकीय शराब दुकान के संचालन में छत्तीसगढ़ के कलार जाति को प्राथमिकता दिया जाता है, तो पारंपरिक व्यवस्था से जुड़ाव के साथ ही युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेगा। सरकार से मांग है शासकीय शराब दुकान के संचालन हेतु विभिन्न पदों में छत्तीसगढ़ के कलार जाति के लोगों की भर्ती व प्राथमिकता दिया जाये। इन्होंने कहा कि कई समाज को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा उनके पारंपरिक व्यवसाय से जोड़ रहे हैं जो सराहनीय है।
कलार समाज भी इस व्यवसाय से जुड़े थे, पर शासन स्तर इस समाज को पारंपरिक व्यवसाय से जोड़ने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है। चूंकि छत्तीसगढ़ की सामाजिक व्यवस्था में देव कार्य, विवाह, नामकरण अन्य नीति नियमों में पारंपरिक कार्य के सामाग्रियों का उपयोग में लाकर पूरा किया जाता है।
गोंड़, हल्बा, कलार, लोहार, मरार, राऊत, तेली, गांड़ा, कुम्हार जाति के पारंपरिक रूप बनाये सामाग्रियों के उपयोग के बिना कार्य संपन्न नहीं होते हैं, इसलिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आबकारी मंत्री कवासी लखमा से मांग है कि सरकारी शराब दुकान के संचालन हेतु विभिन्न पदों पर कलार समाज के युवकों की नियुक्ति किया जाये। दुकान का संचालन समाज के लोगों को दिया जाये। ताकि कलार समाज के लोगों को पारंपरिक व्यवसाय मिले और रोजगार के सुअवसर प्राप्त हो।
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