संतोष मरकाम ब्यूरो चीफ बस्तर संभाग- सर्व आदिवासी समाज जिला कांकेर के तत्वाधान में 21 जून को भर्ती प्रक्रिया एवं स्थानीय आरक्षण मुद्दे को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं रैली निकालकर मुख्यमंत्री, राज्यपाल के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन।
इस दौरान अचानक मौसम बदल गया और झमाझम बारिश हो गई इसके बावजूद भी आदिवासी समाज के लोग प्रदर्शन में डटे रहे। प्रदर्शन को देखते हुए कलेक्ट्रेड मार्ग में तीन स्तर की बेरीकेट्स लगाया गया था, ताकि प्रदर्शनकारी अंदर ना जाए।
समाज के प्रतिनिधि लोग कलेक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे कलेक्टर कहीं बाहर थी। एसडीएम ने धरना स्थल पहुंकर समाज के पांच सूत्रीय ज्ञापन को लिया और मुख्यमंत्री, राज्यपाल के तत्कालीन प्रेषित करने की बात कही ।
सर्व आदिवासी समाज ने कहा कि बस्तर व सरगुजा संभाग में शासन द्वारा राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग एवं अन्य विभाग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन निकाला गया है, जिसमें चतुर्थ श्रेणी वाहन चालक, भृत्य, चौकीदार आदि पर विज्ञापन जारी किया है , चूंकि अनुसूचित क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर सौ फीसदी स्थानीय आरक्षण का प्रावधान है फिर भी पूरे छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित की गई है।
सभी पद पर प्राप्तांक, प्रतिशत के आधार पर भर्ती होना है, चूंकि दूर-दराज ग्रामीण , वन अंचल के रहने वाले अधिकतर अभ्यर्थियों का प्राप्तांक कम होता है जिससे अनुसूचित क्षेत्र के स्थानीय निवासी समस्त वर्ग, समुदाय को लाभ नहीं मिलेगा, जो कि जायज नहीं है।
वर्तमान भर्ती प्रक्रिया के नियम में संशोधन, पेसा नियम में संशोधन।
पांच सूत्रीय मांग निम्न है
छत्तीसगढ़ प्रदेश के कुल 81 प्रतिशत भूभाग अनुसूचित क्षेत्र है। जहां पर अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पारंपरिक रूप से निवासरत मूलनिवासी रहते हैं। जिनका प्रतिनिधित्व अपने क्षेत्रों में नहीं है। इसलिए सर्व आदिवासी समाज संविधान प्रदत्त अधिकार अनुच्छेद 244 के तहत 5 वीं अनुसूची के पैरा 5 (1) के अंतर्गत तत्वरित निराकरण चाहता है।
(1.) छग राज्य के अनुसूची क्षेत्रों के बस्तर एवं सरगुजा संभाग व कोरबा पेंड्रा मरवाही जिला एवं अनुसूचित विकाखंडो में संभाग/जिला कैडर के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदो पर स्थानीय मूलनिवासियों का भर्ती किया जाए।
(2.) छग पेसा नियम 2022 में सुधार करते हुए पेसा कानून के मूलभावना के अनुरूप बनाया जाय जिनमे यह प्रावधान हो की १ ग्राम सभा का कार्यालय गांव में ही बनाया जाय।
२ ग्राम सभा का सचिव ग्राम सभा द्वारा ही गांव के लोगो में से तय किया जय।
३ ग्राम सभा का खाता ग्रामसभा द्वारा नामित दो लोगो द्वारा संचालित किया जाए।
४ ग्राम सभा के निर्णय के खिलाफ अपील सिर्फ ग्राम सभा में ही हो सकेगी, ना की एसडीएम के समक्ष।
५ ग्राम सभा को सभी वनोपज जिसमें तेंदूपत्ता भी शामिल है का पूर्ण स्वामित्व खरीदी और बिक्री का अधिकार मिले जिसमें सभी राष्ट्रीयकृत वनोपज भी शामिल है।
६ छग पेसा नियम 2022 के नियम 35 (1) के अनुसार सभी ग्रामसभा को तत्काल गांव से संंबधित सभी राजस्व और वन अभिलेख के अधतन प्रति उपलब्ध करवाई जाए
७ छग पेसा नियम55 के अनुसार विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त 2023 तक राज्य राज्य के कानून, नियम, आदेश, निर्देश और परिपत्र में संशोधन किया जाए।
(3.) छग भू राजस्व संहिता की धारा 165(2) के बाद दिए गए स्पष्टीकरण को विलोपित करते हुए पांचवी अनुसूची क्षेत्र में आदिवासियों को जमीन को गैर आदिवासियों द्वारा पट्टा पर लिए जाने की छूट को समाप्त किया जाए। छग शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन रायपुर का पत्र क्रमांक एफ-7- 4/7- 1/2014(पार्ट) नवा रायपुर दिनांक 23 अगस्त 2016 को जारी आदेश को निरस्त कर अनुसूचित क्षेत्रों में जो भूमि पट्टा एवं अनुबंध(लीज) पर दिया गया है उसे मूल भूमि स्वामी को वापस दिलाया जाय।
(4.) भारत सरकार द्वारा वन संरक्षण अधिनियम 1980 के संशोधन के लिए लाया गया वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 वापस लिया जाए, इस बाबत राज्य सरकार द्वारा वापसी हेतु मंतव्य पत्र प्रेषित किया जाए।
(5.) वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 के तहत मान्य किए गए सामुदायिक वन संसाधन क्षेत्र (सीआरपीए) में से जमीन अधिग्रहण होने पर प्रदाय किए जाने वाले मुआवजे को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए जाए। साथ ही छग पेसा नियम 2022 के नियम 38(4) (3) के तहत वनोपज का नुकसान होने पर उसका मुआवजा 30 साल तक दिए जाने हेतु भी निर्देश प्रसारित किया जाए।
पांच बिंदुओ के मांगो को राज्य सरकार साकारत्मक पहल करते हुए 15 दिन के अंदर कार्यवाही किया जाए। अन्यथा सर्व आदिवासी समाज पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी जिसकी संपूर्ण जवाबदारी स्थानीय शासन प्रशासन व राज्य सरकार की होगी।
👉प्रमुख रूप से ऐ रहे शामिल
रैली में प्रमुख रूप से सर्व आदिवासी समाज जिला अध्यक्ष जीवन ठाकुर, आदिवासी युवा प्रभाग प्रदेश उपाध्यक्ष ललित नरेटी, सचिव प्रकाश भंडारी, जगत दुग्गा, संदीप सलाम, लक्ष्मीकांत गावड़े, रैनसिंग कांगे, ब्लॉक अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज गौतम कुंजाम, रामप्रसाद नेताम कर्मचारी प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष, बीरेंद्र कोरेटी संयुक्त सचिव, किशोर मंडावी, हेमलाल मरकाम, धर्मेंद्र सोनवानी जिला उपाध्यक्ष सतनामी समाज, नंदकुमार गावड़े, लकेश नेताम, कुमार मंडावी, मनोज जुर्री, अंकित पोटाई, सुरेंद्र जुर्री, राहुल नागवंशी, कुमार मंडावी, येरुंग कुमेटी, देवेन्द्र टेकाम, रमेश दुग्गा, अश्वन कुंजाम, घासी जुर्री, कुंती नेताम, निसू नेताम, मीनू तारम सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे ।।
Tags
समाजिक