सुनील महापात्र सरायपली/बसना- स्वर्गीय मोहनलाल चौधरी सामुदायिक स्वास्थ केंद्र सरायपाली में 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया जिसमें बीएमओ डॉक्टर बी बी कोसरिया के द्वारा बताया गया कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभाव के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है और तंबाकू व्यवसाय का पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव से होने वाली बीमारियों व मौतों को कम करना है।
शासन के द्वारा तंबाकू नियंत्रण कानून को 2003 में बनाया गया है जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने खुलेआम तंबाकू से संबंधित सामग्री बेचने पर 200 से ₹10000 तक जुर्माना और 5 साल की कैद का प्रावधान है तथा लगातार तंबाकू एवं धूम्रपान के उपयोग से लोगों में खांसी और गले में जलन ,सांसों की दुर्गंध ,फेफड़े का कैंसर , टीबी बिमारी,रूखी त्वचा जबड़े का कैंसर रोग, ब्लड प्रेशर, शुगर, ह्रदय रोग जैसी बीमारियां होती है विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1300000 तेरह लाख लोगों का समय से पहले मृत्यु हो जाती है जो भी व्यक्ति धूम्रपान, तंबाकू, शराब एवम् अन्य किसी भी प्रकार का नशा छोड़ना चाहते हैं वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायपाली में आकर निशुल्क दवाई प्राप्त कर सकते हैं ।इसी कड़ी में बीपीएम शीतल सिंह ने बताया कि दुनिया में प्रतिवर्ष सिगरेट के उत्पादन हेतु लगभग 60 करोड पेड़ काट दिए जाते हैं तथा धूम्रपान से 84 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है तंबाकू खाने वाले बार-बार जगह जगह थूकने से स्वच्छता प्रभावित होती है और वातावरण को भारी नुकसान पहुंचता है इसलिए वर्ष 2023 के विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई का संकल्प है ।
हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नही
उपरोक्त जानकारी खंड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी सह मीडिया प्रभारी टी आर धूतलहरे के द्वारा दिया गया।