मनीराम सिन्हा नरहरपुर- ग्राम मर्रामपानी विकासखण्ड नरहरपुर को “अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 ” के तहत वर्ष 2022 में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र प्राप्त हुआ है, जिसके लिए तकनीकी सहयोग प्रदान संस्था से प्राप्त हुआ ।
इस कानून के तहत आदिवासियों एवं अन्य परम्परागत वनवासी, जो वर्षों से जंगल पर आश्रित होकर जीवन यापन कर रहे है, उनके अधिकारों को मान्यता मिली है। इस अधिनियम की “धारा 3(1)झ” के अंतर्गत ग्राम सभा को अपने पारंपरिक सीमा के अंदर आने वाले जंगलों का संरक्षण, संवर्धन, पुनर्जनन एवं सुरक्षा करने का अधिकार प्राप्त है । ग्राम सभा के स्थानीय वन अधिकार समिति एवं संसाधन प्रबंधन समिति ने जंगल को संरक्षण, संवर्धन एवं पुनर्जनन की योजना बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ किये हैं जिसमे जंगल को आग से बचाना, गिला लकड़ी नहीं काटना, वनोपजों का सुरक्षित तरीके से संग्रहण आदि सम्मिलित है ।
इन्ही उद्देश्यों को लेकर ग्राम मर्रामपानी के महिला स्व सहायता समूह के दीदियों ने सक्रियता दिखाते हुए जंगल को संरक्षित व संवर्धित करने का संकल्प लिए हैं, जिनके लिए दीदियों ने उनके जंगल में मिलने वाले स्थानीय बीजों को इकठ्ठा कर 3000 से अधिक बीज-बाल बनाने का लक्ष्य रखे हैं व लगभग 1000 बीज-बाल बना लिए है, दीदियों के अनुसार बीज-बाल बनाने की प्रक्रिया जारी रहेगी और 6 जून तक पूर्ण रूप से बीज-बाल तैयार की जायेगी । दीदियों ने बताये कि यह बीज-बाल तालाब की उपजाऊ मिट्टी, जैविक खाद एवं गौमूत्र युक्त पानी के माध्यम से बनाया जा रहा है ताकि बीजों में किसी प्रकार का रोग न लगे व सभी बीज समान रूप से अंकुरित हो। इन बिज-बालों को समूह के सभी दीदीयों द्वारा बारिश के पहले गाँव के सभी जंगलों में छिड़काव किया जायेगा। बीज-बाल बनाने के कार्य ग्राम पंचायत, ग्रामवासी एवं प्रदान संस्था सभी मिलकर कर रहे है।
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