दीपक पुड़ो कांकेर छत्तीसगढ़ समाचार TV- भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल 2023 को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में दूसरे नागरिक अलंकरण समारोह में वर्ष 2023 के लिए 55 पद्म पुरस्कार प्रदान किए।
जिनमे कांकेर के अजय मंडावी को पद्मश्री सम्मान से नवाजे गए है। बताया जा रहा अजय कुमार अभी दिल्ली में ही है 8 अप्रैल को कांकेर लौटेंगे।
काष्ठ कला के माध्यम से पूर्व माओवादियों के पुर्नवास में कार्य करने वाले अजय कुमार मंडावी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। अपनी काष्ठ कला से पथभ्रष्ट लोगों को मुख्य धारा में जोड़ने वाले कलाकार अजय कुमार मंडावी ने काष्ठ कला से 350 नक्सलियों को जेल में अपराध से मुक्त करवाकर सामान्य जीवन जीने में मददगार साबित हुए । 2005 से जेल में बंद कैदियों को काष्ठ कला सीखा रहे अजय मंडावी, कांकेर शहर के निवासी है। 400 से अधिक कैदियों को उन्होंने काष्ठ कला सिखाई आत्म निर्भर बनाया । लकड़ी पर कलाकारी करते हुए इन्होंने बाइबल, भगवत गीता, राष्ट्रगीत, राष्ट्रगान, प्रसिद्ध कवियों की रचनाएं को उकेरने का काम किया। अजय कुमार का पूरा परिवार आज किसी न किसी कला से जुड़ा हुआ है। कहीं न कहीं उन्हें यह कला विरासत में मिली है। बताया जाता है कि उनके पिता मिट्टी की मूर्तियां बनाने का काम करते थे जबकि उनकी मां सरोज मंडावी पेंटिंग का काम किया करती थीं। इतना ही नहीं उनके भाई विजय मंडावी एक अच्छे राजनेता व मंच संचालक भी हैं । कांकेर के जेल में 200 से अधिक बंदी आज काष्ठ कला में काफी हद तक पारंगत हो चुके हैं जो कि अजय कुमार मंडावी की मेहनत है। आज उस क्षेत्र के बंदी भी इस बात को मानते हैं कि यह कला नहीं बल्कि एक तपस्या है काष्ठ कला ने बंदी नक्सलियों के विचारों को पूरी तरीके से बदल कर रख दिया है ।