दिनेश साहू की रिपोर्ट स्वतंत्र पत्रकार चारामा- कांकेर जिले के सरोना तहसील के निकट बालाजी देवरी गांव में गुरुवार 6 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव का कार्यक्रम धूमधाम से मनाने की तैयारी की जा रही है ।
श्रद्धालुओं का मानना है कि महानदी के तट पर भगवान बालाजी की प्राचीन मूर्ति विराजमान है जो दुनिया की सबसे विचित्र प्रतिमा है जिसमें भगवान बालाजी का एक ही शिला में दोनों तरफ से दर्शन हो रहा है यहाँ पर लोगों की आस्था है की सच्चे मन से प्रार्थना करने से उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति भी हो रही है । और पिछले कुछ दिनों से यहाँ पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं। इस मंदिर के स्थानीय पुजारी मनोहर नेताम ने बताया कि इस मूर्ति की ऊंचाई पहले की अपेक्षा बढ़ती जा रही है वहीं इस मंदिर में स्वामी जगन्नाथ , श्रीगणेश जी और शिवलिंग की स्थापना भी की गई है हालांकि पूर्वजों के अनुसार बालाजी मंदिर का जीर्णोद्धार पहले भी कई बार हुआ है। जिसमे पुराने मंदिर का अस्तित्व आज भी मौजूद है।
👉बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख श्री धीरेंद्र शास्त्री ने भी किया था देवरी गाँव में स्थित भगवान बालाजी का जिक्र
आज दुनिया में सबसे विख्यात बन चुके बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख श्री धीरेंद्र शास्त्री 2016- 17 में कांकेर शहर के रामनगर में स्थित भुवनेश्वरी मंदिर में पधारे थे उसी दौरान इस गांव के दो भक्त भानु नेताम और उनके मित्र भेषज जैन उनके पास पहुँचे तो उन्होंने इस विचित्र मूर्ति का जिक्र करते हुए बताया था कि वह शक्तिशाली है।
और मैं एक दिन दर्शन करने खुद आऊंगा हालांकि अब तक वे दर्शन के लिए नहीं पहुँच सके हैं लेकिन जिस तरह से मंदिर में भक्तों का तांता लग रहा है इससे भक्तों की उम्मीद बढ़ती जा रही है।
👉करोड़ो की संम्पति है भगवान जगन्नाथ बालाजी मंदिर के नाम से लेकिन अब भी कुटिया में हैं विराजमान
जगन्नाथ बालाजी मंदिर के नाम से बालाजी देवरी गांव में 22 एकड़ जमीन है और इस जमीन की हर साल कलेक्टर कार्यालय में राजस्व विभाग के माध्यम से नीलामी होती है और इसकी राशि को राजकोष में जमा कर दिया जाता है। जबकि झोपड़ीनुमा मंदिर में ही श्रद्धालु पूजा अर्चना कर रहे हैं और प्रशासन ने अब तक यहाँ पर न पेयजल की व्यवस्था करवाई है और न ही बिजली की इसके लिए वहाँ के ग्रामीण हर सोमवार को लगने वाले कलेक्टर जनदर्शन में ज्ञापन दे चुके है लेकिन अब तक जिला प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की गई है।
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