टुमेश जायसवाल बेमेतरा साजा- अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की जन्मोत्सव विप्र भवन साजा में धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर सत्यनारायण जी की कथा एवं हवन के बाद मंत्रोच्चारण के साथ विधि विधान से भगवान परशुरामजी का अभिषेक एवं महाआरती कर हर्षोउल्लास के साथ किया गया।
इस पर समाज के सभी वरिष्ठ विप्र जनों के साथ महिलाये एवं युवा सम्मलित हुए। समाज के अध्यक्ष रामकुमार ने उपस्थित समाजिक जनो का धन्यवाद देते हुए कहा की इसी दिन भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अपना 6वां अवतार लिया था। उन्हें भी चिरंजीवी पुरुषों में से एक माना जाता है। वे भगवान शिव की कठोर साधक थे। भगवान शिव शंकर ने प्रसन्न होकर उन्हें कई अस्त्र-शस्त्र सहित परशु भी दिया था। परशु धारण करने की वजह से उनका नाम परशुराम पड़ गया। इस अवसर पर उन्होने प्रतिवर्ष परशुराम जन्मोत्सव आयोजन के लिए 25000/- सहयोग राशि देने की बात कही।
इस मौके पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए समाज के वरिष्ठ मूलचंद शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम के जीवन से अन्याय अत्याचार के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा मिलती है। कहा कि अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण ही भगवान परशुराम की शक्ति भी अक्षय थी। इतना ही नहीं इनकी गिनती तो महर्षि वेदव्यास, अश्वस्थामा, राजा बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, ऋषि मार्कंडेय सहित उन आठ अमर किरदारों में होती है। जिन्हें कालांतर तक अमर माना जाता रहेगा। शास्त्रों में आठ चिरंजीव बताए गए हैं परशुराम उन्हीं अष्टचिरंजीवियों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि पूरा ब्राह्मण समाज भगवान परशुराम के वंशज हैं हम सब माला की तरह जुडकर समाजहित मे अपना हर सम्भव योगदान देवे। श्रीमती शोभा शर्मा ने कहा कि व्यक्ति जाति नहीं बल्कि कर्म से महान होता है। भगवान परशुराम शक्ति, साहस और शील के प्रतीक माने जाते हैं उनके आदर्शों को जीवन में उतार कर ऊंचाई को प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम मे अन्य वरिष्ठजनो ने अपने विचार व्यक्त किये। आभार व्यक्त प्रवीण शर्मा ने किया। इस अवसर पर पुरषोत्तम तिवारी,विनय शर्मा,पुरषोत्तम चौबे,दुर्गाप्रसाद शुक्ला,गिरिजाशरण तिवारी,मृत्युन्जय शुक्ला,दयानंद द्विवेदी,विनय जोशी,डॉ.मिश्रा,रवि तिवारी,राजा चौबे,विनय शर्मा,नवीन शर्मा,प्रतीक चौबे,विप्लव गोरहा,अंकुश शर्मा,कमल मिश्रा सहित विप्रजन उपस्थित रहे।
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