RKK विशेष संवाददाता कांकेर- 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ग्राम कोड़ेकुर्से में मनाया गया जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित हुए।
महिला दिवस पर सम्बोधित करते हुए सरपंच बिराझो मड़ावी ने कहा आज भारत में ही नहीं पुरे विश्व में श्रमिक महिला अधिकार दिवस मनाया जा रहा है लेकिन हमें भूलना नहीं चाहिए कि महिलाओ के अधिकार के ना कितने महिलाएं अपनी क़ुरबानी दिये है पुरे विश्व में कॉमरेड क्लारा जेटकिन की संघर्ष को भी भुलाया नहीं जा सकता और भारत में सावित्री बाई फुले का संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता है।
दुनियां के सभी शोषित उत्पीड़ित दलित आदिवासी एवं सभी वर्ग के बहने जुल्म अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर सामाजिक आर्थिक राजनीतिक सामनता के लिए संघर्ष की शुरुआत की थी जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र संघ को 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित करना पड़ा भारत देश में भी संविधान के भीतर महिलाओं को पुरुष के बराबर शिक्षा रोजगार राजनीतिक जैसे मौलिक अधिकारों के समानता का दर्जा दिया गया है श्रीमती लीला बाई टांडिया जनपद सदस्य ने कहा कि आज भी महिलाओं को चिंतन करने की जरूरत है क्योंकि आज भी महिलाओं को दहेज के नाम पर जिंदा जलाई जा रही है दलित महिलाओ के साथ आज सामूहिक बलात्कार कर फांसी पर टांग दी जा रही है आदिवासी महिलाओं के साथ बंदूक की नोक पर बलात्कार कर रहे हैं और चलती बरसों से बलात्कार कर फेंक दी जा रही है आप सभी ने सुना ही होगा भारत में एक निर्भया कांड हुआ था जो बहुत ही घिनौना और डरावना जैसा था इसी तरह से भारत में अनोखे कांड हो रहे हैं जो महिलाओं के अधिकार एवं उनके आत्मसम्मान के खिलाफ हैं इसलिए भारत के सभी महिलाओं को एकजुट होकर इनके खिलाफ संघर्ष करना होगा। आदिवासी छात्र युवा संगठन के संगठन मंत्री फूलसो आचला ने कहा पुरुष प्रधानता की हैवानियत तो देखो बेटियों को गर्भ में ही मार दी जाती है अगर भ्रूण परीक्षण से बच भी जाए तो मासूम बेटियों को हवास का शिकार बनाने से नहीं छोड़ते। पशु पक्षियों में तक मासूमियत का ख्याल होता है लेकिन तथाकथित इंसानों का सभ्य समाज जानवर से भी गया गुजरा है आज सरकार किस मुख से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चला रही है यह देख कर लज्जा आती है सदियों से ही महिलाओं के साथ अन्याय अत्याचार सती प्रथा दहेज प्रथा जैसे उत्पीड़न होते आया है। साथियों इनके खिलाफ हमें एकजुट होकर महिलाओं को संघर्ष करने की जरूरत है जागरूक होने की जरूरत है और चिंतनशील होने की जरूरत है। इसका एक ही हथियार है शिक्षा जब तक हम शिक्षित नहीं होंगे तब तक हमारे ऊपर इसी तरह के उत्पीड़न शोषण जुल्म होते ही रहेगा महिला दिवस के अवसर पर सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष श्री जगत दुगा जी ने कहा रामायण महाभारत जैसे मनुवादी ग्रन्थाे में भी महिलाओं के साथ घोर अन्याय का उल्लेख मिलता है राम ने अग्नि परीक्षा के बाद भी गर्भवती सीता को घर से निकल दिया था युधिष्ठिर द्रोपति को जुए में दांव लगाकर हार जाता है जैसे महिलाओं को बुक कर नष्ट करने वाली चीज है आज उन्हीं ग्रंथों को हिंदू धर्म ग्रंथों के रूप में महिलाओं को बीज परोसा जा रहा है सर्कल सचिव कोदापाखा आयनु ध्रुवा ने कहा प्यारी बहनों अपनी वास्तविकता ताकत को पहचानना होगा मानसिक गुलामी और धार्मिक पाखंड ताऊ का जवाब देना होगा धार्मिक हिंसा और राज्य हिंसा के खिलाफ लामबंद होना होगा पूरी दुनिया को परास्त करने वाला सम्राट अशोक विधवा महिलाओं से प्राप्त होकर कॉलिंग नगर में हथियार डाल दिया था आज जरूरत है उसी महिला संगठन की उसी महिला ताकत की और इतिहास दोहराने की और आज भी महिलाओ के अधिकार के प्रति चिंतन करने की जरुरत है। अंतराष्ट्रीय श्रमिक महिला दिवस के अवसर पर श्रीमती लीला बाई टांडिया जनपद सदस्य श्रीमती विराजो बाई मड़ावी सरपंच ओटेकसा श्रीमती फूलवती उयका सरपंच सराधूगमरे श्री जगत दुग्गा अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज ब्लॉक दुर्गूकोंदल आयनु ध्रुवा फूलसो आचला बहादुर तुलावीं सर्कल अध्यक्ष सुरंगदोह सुरेखा उयका श्रीमती बुधया बाई पुंगाती कु पायल पुगट्टी श्री पाण्डु हिड़को ग्राम गायता कोड़े कुरसे धानसय दुग्गा परगना मांझी नरसू हिड़को प्रेम पुड़ो मानसू आचलादुर्जन उयका मनी पुंगाटी भगवती नाग और बड़ी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे।