अभिषेक सिंह ठाकुर कांकेर- दुर्गुकोंदल क्षेत्र के पहाड़ियों में लौह अयस्क उत्खनन प्रारंभ होने मजदूर कार्य और ट्रक लगाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन आम बात हो गई है। माइंस में उत्खनन कार्य प्रारंभ होने से आसपास के पड़ोसी गांव, पाराटोला, पड़ोसी पड़ोसी में आपसी विवाद बढ़ गई है। भाईचारा खत्म हो गई है। कुछ लोग माइंस में मजदूरी कार्य करना चाहते हैं, तो कुछ लोग परिवहन व्यवसाय से जुड़ने ट्रक लगाना चाहते हैं। जब दोनों ही मांग पूरी नहीं होती है, तो मांग पूरी कराने माइंस प्रभावित क्षेत्र के लोग धरना प्रदर्शन शुरू कर देते हैं। माइंस प्रभावित क्षेत्र की लोगों मांगें प्रशासन और माइंस प्रबंधन भी नहीं सुनते हैं। इसी कारण धरना प्रदर्शन आम बात हो गई है। इसी तरह हाहालद्दी, दोड़दे गांव शुरू हुई मोनेट माइंस में आवेदन निवेदन के बाद भी ट्रक लगाने की सुनवाई नहीं हुई तो ग्राम हाहालद्दी के पिड़ित लोग 28 फरवरी से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिये हैं।
ग्राम हाहालद्दी के डिगेन्द्र सिन्हा, दया नरेटी, प्रतिभा सिन्हा लक्ष्मण सिन्हा, कंवल सिंह गावड़े, कमलेश्वरी गावडे़ देवली सिन्हा, दिलेश्वरी सिन्हा, चक्रवर्ती सिन्हा, सीता सिन्हा, बारो गावड़े ने बताया कि हम माइंस प्रभावित गांव के निवासी हैं, लेकिन हमें मोनेट माइंस में ट्रक लगाने समिति और माइंस प्रबंधन के द्वारा नहीं दिया जा रहा है। हमने तहसीलदार और एसडीएम को आवेदन पत्र देकर ट्रक लगाने के लिए सहयोग मांगा था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने भी हमारे आवेदन पर कोई विचार नहीं किया। इसलिए 28फरवरी से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिये हैं। धरने पर बैठे कंवलसिंह गावड़े, लक्ष्मण सिंन्हा, चक्रवती सिन्हा, धन्नालाल सिन्हा, सोहन सिन्हा ने कहा कि माइस खदान व प्राकृतिक सम्पदा पर किसी एक समूह का अधिकार नहीं है, कि जब चाहे तब लेबर समूह बना लिया और अपना हक जताने लगे। प्राकृतिक सम्पदा पर सभी प्रभावितों का अधिकार है, लेबरों को माइस में काम मिल चुका है कुछ घरों से चार लोग काम पर जा रहे है और ट्रक भी यही लोग लगा रहे हैं। इसमें वो दोहरी लाभ ले रहे है, गांव मे कुछ और लोग जो एक भी ट्रक परमिशन नहीं लिये हैं और अपंग और विकलांग है, और कुछ तो किसी कारणवश काम पर नहीं जा पा रहे हैं, और माइस प्रभावित है, न तो ये माइंस में काम करते हैं। और ऐसे ही लोगों को ट्रक परमिशन नहीं दिया जा रहा और ना ही माइंस से कोई लाभ मिल रहा है, और न हीं उनके घरो से एक भी माइस में काम पर हैं, प्रशासन से विनती है कि गांव के दूसरे प्रभावितों को तत्काल ट्रक लगाने की परमिशन दी जायें या मोनेट माइस समिति मे जो प्रशासन द्वारा 40 प्रतिशत रेश्यो दिया गया है, तत्काल उसको बंटवारा किया जाये। लेबर समिति को 20 प्रतिशत रेश्यो दिया जाये और गांव मे और लोग हैं, जो माइंस प्रभावित है और किसी कारणवश काम पर नहीं गये हैं, उनको 20 प्रतिशत रेश्यो दिया जाये। इससे सभी को लाभ मिल सकेगा। प्राकृतिक सम्पदा को सभी प्रभावित मिल बाटकर चलाना होगा। इन्होंने कहा कि हम भीख नहीं अधिकार चाहिए की बैनर तले हम अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किये हैं, जबतक मांग पूरी नहीं होगी। धरना प्रदर्शन जारी रहेगी।
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