अभिषेक सिंह ठाकुर कांकेर- दुर्गुकोदल विकासखंड से महज 7 कि.मी. दुरी पर स्थित है हाई स्कुल आमागढ़, जहां आज तक भवन नहीं बन पाया है। और बच्चे आज भी कबाड़ हो चुके बास के बने स्कुल में पढ़ाई कर रहे और परीक्षा भी दिला रहे है आश्चर्य कि बात तो यहां है कि यहां हाई स्कुल में शौचालय तक की भी सुविधाएं नहीं हैं फिर भी 10वी बोर्ड परीक्षा का केन्द्र बनाया गया है।
हाई स्कुल ईरागांव, हानपत्तरी व आमागढ़ के टोटल 56 परीक्षार्थी परीक्षा केन्द्र मे शामिल होकर वार्षिक परीक्षा दिला रहे हैं। जिसका परीक्षा केन्द्र है हाई स्कुल आमागढ़।
आपको बता दे आमागढ़ के ग्रामीणों के द्वारा कई बार दिवंगत विधायक मनोज मंडावी को पत्र के माध्यम से व मुलाकात करके आमागढ़ हाई स्कुल में भवन निर्माण को लेकर मांग कि गई थी। और दिवंगत विधायक मनोज मंडावी ने भवन बनवाने का वचन देते हुए आश्वसन भी दी थी। लेकिन दिवंगत विधायक का अचानक स्वर्गवास हो जाने से ग्रामीणों ने भी भवन बनने कि आस छोड़ दी है।
और बात करे क्षेत्र कि जनप्रतिनिधियों कि तो वे सभी अपने अपने पदो के नशे में चुर है क्षेत्र में क्या विकास हो रहा है क्या विकास नहीं हो रहा है किसी को कोई मतलब नहीं। और हाई स्कुल में बाउंड्री वाल, शौचालय कि भी सुविधाएं नहीं हैं। हर वर्ष ग्रामीण पैसा जमा कर श्रमदान कर बाउंड्री बनाते हैं।
वही ग्रामीण पुखराज उइके, प्रभु राम दर्रो, संजय उइके, तुलसी राम पद्दा, हंसराज उयके, शामुराम मेरिया ने बताया है कि कई बार दिवंगत विधायक को और मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात कार्यक्रम दुर्गुकोंदल में भी हाई स्कुल आमागढ़ में भवन निर्माण को लेकर आवेदन दिया गया था। लेकिन आवेदन का अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ और बात करें वर्तमान हाई स्कूल कि, तो जिस प्रकार बच्चे कबाड़ से जुगाड माडल बनाते हैं। ठीक उसी प्रकार ग्राम आमागढ़ के बांस के प्लाई बोर्ड से बने हाई स्कूल का हाल है। 12 साल में ही हाई स्कुल आमागढ़ का अतिरिक्त रुम कबाड़ से जुगाड बन कर रहा गया है। भवन निर्माण कब होगा, कैसे होगा उसका बारे मे तो पता ही नहीं।
अधिकारीयों कि बात करें तो क्षेत्र में दौरा के तहत अधिकारी कर्मचारी भी स्कूलों में निरीक्षण करने आते जरुर हैं लेकिन आमागढ़ के हाई स्कुल कबाड़ में परिवर्तित हो रहा है उसको किसी भी अधिकारी ने संज्ञान में नहीं लिया। आपको यहां भी बता दें जब से बांस के प्लाई बोर्ड से बने स्कुल का निर्माण हुआ है तब से एक भी बार स्कुल कि मरम्मत भी नहीं हुई।
ग्रामीणों ने शासन से जल्द ही हाई स्कुल भवन निर्माण व शौचालय मुत्रालय सहित बाउंड्रीवाल बनवाने कि शासन प्रशासन से गुहार लगाई है।
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