पूर्व में बिजली के अभाव में कई किसानों के द्वारा डीजल पंप का इस्तेमाल कर खेतों में सिंचाई किया जा रहा था, लेकिन डीजल के दाम बढ़ने के कारण छोटे किसानों के पहुंच से बाहर हो गया, जिससे निराष होकर किसान धान का उत्पादन भगवान भरोसे कर रहे थे। अब सौर सुजला योजना से सिंचाई सुविधा मिलने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, सोलर पंप लगने से बंजर खेतों में किसान मड़िया, सरसों, उड़द जैसी दलहन, तिलहन फसलों का उत्पादन कर रहे हैं, जिससे किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है।
विकासखण्ड चारामा के ग्राम चपेली निवासी श्रीमती मालती बाई मण्डावी ने भी अपने गांव में प्रगतिशील कृषक के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। वे बताते हैं कि उन्हें सिंचाई के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी, पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं होने से फसल का नुकसान भी झेलना पड़ता था। उन्हें लगभग 800 मीटर दूर से अस्थाई बिजली कनेक्शन के माध्यम से सिंचाई हेतु जुगाड़ करना पड़ता था तब जाकर वे अपनी फसलों के लिए सिंचाई की व्यवस्था कर पाते थे। लेकिन अब सौर सुजला योजना के तहत सोलर पंप लग जाने से सिंचाई समस्या से छुटकारा मिल गया है और वे अपने खेतों में मक्का, मड़िया, सरसो, उड़द जैसी दलहन एवं तिलहन फसलों का उत्पादन कर रहे हैं, जिनसे उन्हें प्रतिवर्ष लगभग 02 से 03 लाख रूपये की आमदनी प्राप्त हो रही है।